प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुण्डली विश्लेषण

Narendra Modi Kundali Analysis

नरेंद्र मोदी की जन्म कुण्डली में लग्न में चन्द्र और मंगल विराजमान हैं तथा वृश्चिक राशि है। वर्तमान में मंगल की ही महादशा चल रही है जो कि 28 नवंबर 2021 को शुरू हुई थी। मंगल उनकी राशि के स्वामी भी हैं। यह वह समय था जब देश में कोरोना की डेल्टा वेव चली थी तथा देश में ऑक्सीजन की कमी के कारण बहुत सी जनता परेशान हुई थी, किंतु मोदी जी ने इसे बखूबी संभाला था। यही वह समय था जब संसद में धारा 370 और तीन तलाक को हटाने के कानून पास हुए थे।

उसके बाद मंगल में राहु आए। राहु पंचम में बैठकर लग्न को देख रहा है तथा चन्द्रमा के साथ ग्रहण योग बना रहा है। कहा जाता है कि राहु में मंगल करावे दंगल। इस समय विरोधियों ने कोरोना काल को भूलकर मोदी जी पर अनेकों अनर्गल आरोप भी लगाए। प्रतिदिन कोई न कोई नया आरोप लगाया गया जैसे फोन टेपिंग, हिंडनबर्ग इत्यादि। मोदी जी ने उसे भी सफलतापूर्वक पार कर लिया।

15 मई 2023 से मंगल में गुरु आए। गुरु लग्न कुण्डली में चतुर्थ भाव में है तथा मंगल लग्न में बैठकर गुरु को पूर्ण चतुर्थ दृष्टि से देख रहा है। इस समय मोदी जी पूर्ण आत्मविश्वास से भरे हुए थे तथा उन्होंने ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा दे दिया। किंतु चुनाव परिणाम आने तक मंगल में शनि आ चुके थे। शनि की स्थिति जन्म कुण्डली में दशम भाव में है, जो शुक्र के साथ सूर्य की राशि सिंह में स्थित है। दोनों ही शत्रु राशि में हैं। किंतु मंगल और शनि आपस में मित्रता का भाव रखते हैं। अतः मोदी जी पुनः प्रधानमंत्री बने किंतु पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली।

30 मई 2025 तक मंगल में शनि की अन्तर्दशा चलेगी। 29 मार्च को शनि गोचर में मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जो मोदी जी की राशि वृश्चिक से पंचम होगी। ऐसी स्थिति में मोदी जी अनेक स्कूल-कॉलेजों की स्थापना कर सकते हैं तथा अनेक लोक-उपयोगी घोषणाएं कर सकते हैं। कोई छोटे स्तर का युद्ध भी किसी देश से हो सकता है।

30 मई 2025 के बाद मंगल में बुध की अन्तर्दशा प्रारम्भ होगी। लोकसभा में भाजपा और मजबूत होगी तथा मोदी जी बहुत सारे बड़े एवं बोल्ड फैसले लेंगे, जिससे देश और विश्व भी आश्चर्यचकित होगा, क्योंकि बुध कुंडली में उच्च का होकर सूर्य के साथ बुधादित्य योग का निर्माण कर रहा है। मोदी जी की कुण्डली में उनकी राशि के स्वामी मंगल लग्न कुण्डली में, नवमांश में, दशमांश में, सप्तमांश में तथा चतुर्शाश कुण्डली में लग्न में ही है। जिसके कारण वे एक विद्वान, दृढ निश्चयी एवं किसी भी परिस्थिति का सामना करने में समर्थ हैं। प्रभु हनुमान जी सदैव उनके साथ रहते हैं।

मोदी जी 2027 में एक बार मंगल-शुक्र की दशा में संन्यास के बारे में सोचेंगे, किंतु उन्हें अभी वर्ल्ड लीडर बनकर दुनिया के देशों का प्रतिनिधित्व करना है।

28 नवंबर 2028 को राहु की महादशा प्रारंभ होगी। मोदी जी सर्वमान्य वर्ल्ड लीडर होंगे तथा 11 अगस्त 2031 के बाद 4 जनवरी 2034 तक कभी भी मोदी जी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर सकते हैं।

डा. हरिमोहन गोयल


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