Mantra for getting the desired job

जो लोग नौकरी नहीं पा रहे हैं या इच्छित नौकरी नहीं मिल रही है या सरकारी नौकरी पाने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं, उन्हें पूरी निष्ठा और भक्ति के साथ हर रविवार को स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्याष्टकम का पाठ करना चाहिए। यह प्रक्रिया तब तक करें जब तक आपका काम पूरा नहीं हो जाता।

सूर्याष्टकम के पाठ का मंत्र नीचे दिया गया है:

सूर्याष्टकम

आदिदेवं नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥

सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्।
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥

लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥

त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्माविष्णुमहेश्वरम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥

बृंहितं तेजसां भीमं रोचनं सर्वकामधम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥

अदिदेवं नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥

सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्।
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥

लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥

त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्माविष्णुमहेश्वरम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥

बृंहितं तेजसां भीमं रोचनं सर्वकामधम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥

शुद्धं देवा शुभं ज्योतिः कीर्तिमन्तं जगत्पतिम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥

एवं मेसप्तकृतं प्रातः स्तुवन्तं ह्यनघं नरम्।
सर्वपापविनिर्मुक्तं सूर्यलोकं स गच्छति॥

सूर्याष्टकमिदं नित्यं ग्रन्थितं शुद्धबुद्धिना।
सर्वपापविनिर्मुक्तः सूर्यलोकं स गच्छति॥

अनुवाद:

आदिदेव, मैं आपको प्रणाम करता हूँ, कृपया मुझ पर कृपा करें, हे भास्कर।
दिवाकर, मैं आपको प्रणाम करता हूँ, प्रभाकर, आपको नमस्कार है।

सप्ताश्व के रथ पर सवार होकर, प्रचण्ड कश्यप के पुत्र को।
श्वेत कमल को धारण करने वाले देवता, उस सूर्य को मैं प्रणाम करता हूँ।

लोहित रंग के रथ पर सवार होकर, समस्त लोकों के पितामह को।
महापापों का नाश करने वाले देवता, उस सूर्य को मैं प्रणाम करता हूँ।

त्रिगुणयुक्त महाशूर, ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर।
महापापों का नाश करने वाले देवता, उस सूर्य को मैं प्रणाम करता हूँ।

तेजस्वी, भयंकर, रोचन, सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाला।
महापापों का नाश करने वाले देवता, उस सूर्य को मैं प्रणाम करता हूँ।

शुद्ध, शुभ ज्योति, कीर्ति से भरा, जगत का स्वामी।
महापापों का नाश करने वाले देवता, उस सूर्य को मैं प्रणाम करता हूँ।

जो भी व्यक्ति प्रतिदिन सुबह सात बार इस स्तोत्र का पाठ करेगा, वह सभी पापों से मुक्त होकर सूर्यलोक को प्राप्त करेगा।

जो शुद्ध बुद्धि वाला व्यक्ति प्रतिदिन इस सूर्याष्टक का पाठ करेगा, वह सभी पापों से मुक्त होकर सूर्यलोक को प्राप्त करेगा।

इस मंत्र का नियमित पाठ आपकी इच्छा पूरी करने में सहायक हो सकता है। मन को शांत रखें, समर्पण भाव से पाठ करें और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखें।

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