वृहस्पति का बारह भावों पर प्रभाव: वैदिक ज्योतिष के अनुसार

परिचय
वृहस्पति (गुरु ग्रह) को वैदिक ज्योतिष में अत्यंत शुभ और ज्ञान, समृद्धि, और धर्म का प्रतीक माना जाता है। इसे विस्तार और शुभ प्रभावों का ग्रह कहा जाता है। इसका प्रभाव बारह भावों में विभिन्न रूपों में दिखाई देता है। नीचे प्रत्येक भाव में वृहस्पति के प्रभाव और उपायों की जानकारी दी गई है।

1. प्रथम भाव (लग्न)

प्रभाव:

  • व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और शत्रुओं से भय नहीं होता।
  • शादी के बाद भाग्य खुलता है।
  • यदि शनि नवम भाव में हो तो स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

उपाय:

  • धार्मिक स्थानों पर दान करें।
  • गाय की सेवा करें और अछूतों की मदद करें।
  • शनि संबंधित वस्तुएं न खरीदें।

2. द्वितीय भाव

प्रभाव:

  • व्यक्ति कवि और प्रशासन में कुशल होता है।
  • शुक्र और गुरु के प्रभाव से पत्नी और संपत्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

उपाय:

  • गरीबों और ब्राह्मणों को दान दें।
  • सड़क के गड्ढे भरें।

3. तृतीय भाव

प्रभाव:

  • व्यक्ति में साहस और धैर्य की कमी हो सकती है।
  • सरकार से लाभ और भाई-बहनों का सुख मिलता है।

उपाय:

  • देवी दुर्गा की पूजा करें।
  • चापलूस लोगों से बचें।

4. चतुर्थ भाव

प्रभाव:

  • व्यक्ति लेखक, यात्री, और धर्म में रुचि रखने वाला होता है।
  • धन और संपत्ति में वृद्धि होती है।
  • संकट के समय दिव्य सहायता प्राप्त होती है।

उपाय:

  • घर में मंदिर न बनाएं।
  • बड़े-बुजुर्गों की सेवा करें।

5. पंचम भाव

प्रभाव:

  • व्यक्ति आराम और विलासिता पसंद करता है।
  • पुत्र जन्म के बाद भाग्य में वृद्धि होती है।

उपाय:

  • किसी प्रकार का दान स्वीकार न करें।
  • साधु-संतों की सेवा करें।

6. षष्ठ भाव

प्रभाव:

  • व्यक्ति शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से परेशान हो सकता है।

उपाय:

  • बड़े-बुजुर्गों के नाम पर दान करें।
  • मंदिर में गुरु से संबंधित वस्तुएं अर्पित करें।

7. सप्तम भाव

प्रभाव:

  • व्यक्ति भाग्यशाली और धैर्यवान होता है।
  • विवाह के बाद धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ती है।

उपाय:

  • भगवान शिव की पूजा करें।
  • सादु और फकीरों से दूर रहें।

8. अष्टम भाव

प्रभाव:

  • व्यक्ति को छुपे हुए धन का लाभ मिलता है।
  • आध्यात्मिक जीवन अपनाने पर गुरु शुभ फल देता है।

उपाय:

  • सोना धारण करें।
  • पीपल का वृक्ष लगाएं।
  • मंदिर में घी और कपूर दान करें।

9. नवम भाव

प्रभाव:

  • व्यक्ति को समृद्धि और लंबी आयु प्राप्त होती है।
  • धार्मिक कार्यों में रुचि होती है।

उपाय:

  • प्रतिदिन मंदिर जाएं।
  • चावल बहते जल में प्रवाहित करें।

10. दशम भाव

प्रभाव:

  • व्यक्ति भूमि और संपत्ति का प्रेमी होता है।
  • पेंटिंग और कला में कुशल होता है।

उपाय:

  • कार्य प्रारंभ करने से पहले नाक साफ करें।
  • माथे पर केसर का तिलक लगाएं।

11. एकादश भाव

प्रभाव:

  • व्यक्ति धनवान और व्यापार में सफल होता है।
  • पत्नी और बहनों को कष्ट हो सकता है।

उपाय:

  • सोने के आभूषण धारण करें।
  • पीपल के पेड़ की जड़ में पानी डालें।

12. द्वादश भाव

प्रभाव:

  • व्यक्ति आलसी और खर्चीला हो सकता है।
  • धार्मिक कार्यों में धन व्यय करता है।

उपाय:

  • झूठी गवाही देने से बचें।
  • पीपल के वृक्ष की सेवा करें।

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