संतान प्राप्ति में बाधा: ग्रहों का प्रभाव और उपाय

संतान सुख की महत्ता

संतान प्राप्ति का सुख जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। एक महिला के लिए मां बनना एक अद्वितीय अनुभव होता है। हालांकि, कई दंपत्तियों को संतान प्राप्ति में देरी का सामना करना पड़ता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें ज्योतिषीय पहलू भी शामिल हैं। यदि संतान सुख में कोई बाधा आ रही है, तो डॉक्टर की सलाह के साथ कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण भी कराना चाहिए।

संतान प्राप्ति में बाधा के कारण

ग्रहों का प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में कुछ ग्रह और योग दंपती को संतान सुख में बाधा पहुंचा सकते हैं। खासकर, कुंडली का पांचवां भाव संतान को दर्शाता है। जब इस भाव में शनि का प्रभाव होता है, तो संतान प्राप्ति में देरी हो सकती है। शनि का संबंध अड़चनों और सीमाओं से होता है, इसलिए इसके प्रभाव में जातक को धैर्य रखने की आवश्यकता होती है।

पूर्वजन्म के कर्म

कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि पूर्वजन्म के कर्म भी संतान सुख पर प्रभाव डालते हैं। पितृ दोष भी संतान सुख में देरी का कारण बन सकता है। ज्योतिषी आपकी कुंडली का विश्लेषण करके यह बता सकते हैं कि गर्भधारण में समस्याएं क्यों हो रही हैं।

बृहस्पति और पंचम भाव

बृहस्पति को शांति और विस्तार का प्रतीक माना गया है, और यह संतान के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि कुंडली में बृहस्पति कमजोर या पीड़ित है, तो संतान प्राप्ति में देरी हो सकती है। वहीं, पांचवे भाव में अशुभ ग्रहों जैसे शनि, मंगल, राहु या केतु का होना भी गर्भधारण में समस्याएं पैदा कर सकता है।

नाड़ी दोष

कुंडली में नाड़ी दोष होने पर भी संतान प्राप्ति में बाधा आ सकती है। यदि पति-पत्नी की कुंडली में नाड़ी दोष है, तो संतान सुख पाना मुश्किल हो जाता है। ज्योतिषी नाड़ी दोष के कारण दांपत्य जीवन में समस्याओं की ओर भी संकेत कर सकते हैं।

राशि अनुसार उपाय

यदि आपको संतान प्राप्ति में देरी का सामना करना पड़ रहा है, तो आप अपनी राशि के अनुसार कुछ उपाय कर सकते हैं:

मेष राशि

भगवान कृष्ण की पूजा करें और जरूरतमंदों को लाल दाल का दान करें।

वृषभ राशि

भगवान विष्णु की उपासना करें और गेहूं का दान करें।

मिथुन राशि

भगवान गणेश की पूजा करें और चावल का दान करें।

कर्क राशि

भगवान शिव की पूजा करें और दूध का दान करें।

सिंह राशि

रोज भगवान सूर्य की उपासना करें और मिठाई का दान करें।

कन्या राशि

मां लक्ष्मी की उपासना करें और तिल के बीजों का दान करें।

तुला राशि

भगवान कृष्ण की पूजा करें और हरी सब्जियों का दान करें।

वृश्चिक राशि

भगवान यम की पूजा करें और काले तिल के बीजों का दान करें।

धनु राशि

भगवान राम की पूजा करें और गुड़ का दान करें।

मकर राशि

कुबेर देवता की पूजा करें और तांबे के सिक्कों का दान करें।

कुंभ राशि

भगवान वरुण की पूजा करें और जल का दान करें।

मीन राशि

भगवान विष्णु की उपासना करें और मछली का दान करें।

निष्कर्ष

संतान सुख प्राप्ति में बाधा का समाधान ज्योतिषीय उपायों द्वारा किया जा सकता है। अगर संतान प्राप्ति में कोई समस्या आ रही है, तो विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।


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