पितृ दोष: पूर्वजों का शाप या कर्म ऋण?

पितृ दोष का अर्थ है पूर्वजों के बुरे कर्मों का ऋण, जिसे वंशजों को चुकाना पड़ता है। इसे शाप नहीं समझना चाहिए। यह परिवार के कर्मों के संतुलन का एक हिस्सा है, जिसे अच्छे कर्मों और धार्मिक अनुष्ठानों से ठीक किया जा सकता है।

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पितृ दोष: कारण और निवारण उपाय

भारतीय ज्योतिष में पितृ दोष का महत्व अत्यधिक है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों की आत्माएं अशांत होती हैं या उनके लिए आवश्यक अनुष्ठान नहीं किए जाते। इस कारण से व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे पारिवारिक समस्याएं, स्वास्थ्य संकट, और वित्तीय अस्थिरता।

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