वैदिक ज्योतिष में भगवान शिव

भगवान शिव वैदिक ज्योतिष में समय, प्रकाश, और परिवर्तन के प्रतीक हैं। ग्रहों, नक्षत्रों और चंद्र नोड्स से उनका संबंध उनकी बहुमुखी ऊर्जा और गहन ज्योतिषीय महत्व को दर्शाता है। शिव की ऊर्जा को समझना किसी की कुंडली और जीवन के आध्यात्मिक रहस्यों को जानने का मार्ग है।

Read More

वैदिक ज्योतिष और आध्यात्मिक ज्ञान में विष्णु की भूमिका

विष्णु वैदिक ज्योतिष और आध्यात्मिकता में सर्वोच्च देवता हैं। उनका संबंध सूर्य और बुध ग्रह से है और वे ब्रह्मांडीय संरचना के अधिपति हैं। विष्णु के अवतार ग्रहों और उनके विशेष दिनों से जुड़े हैं। नक्षत्रों और कुंडली में विष्णु के प्रभाव से धर्म, बुद्धि और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।

Read More

भारतीय ज्योतिष: ब्रह्मांडीय ज्ञान का शाश्वत मार्गदर्शन

भारतीय ज्योतिष, जिसे वैदिक ज्योतिष भी कहा जाता है, खगोलीय पिंडों और उनकी चालों के अध्ययन के माध्यम से मानव जीवन और ब्रह्मांड के बीच संबंधों को समझने की प्राचीन प्रणाली है। इसका इतिहास वैदिक काल से है और इसमें 12 राशियाँ, 9 ग्रह, 12 भाव, और 27 नक्षत्र शामिल हैं। यह व्यक्तिगत जीवन में मार्गदर्शन और विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया जाता है। आधुनिक तकनीक के साथ, इसकी लोकप्रियता वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है।

Read More