अगर आप कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन व्यवसाय में अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है, तो संभवतः आपका व्यापार स्थल वास्तु अनुकूल नहीं है। वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यापार स्थल को व्यवस्थित करने से आर्थिक हानि, कर्मचारियों के बीच असंतोष और बाजार में खराब प्रतिष्ठा को रोका जा सकता है।
वास्तु शास्त्र – व्यापार वृद्धि का माध्यम
वास्तु शास्त्र आपके व्यवसाय की नींव को मजबूत कर सकता है। सही वास्तु उपायों को अपनाने से व्यापार में स्थिरता, सफलता और लाभ सुनिश्चित किया जा सकता है।
व्यापार में वृद्धि के लिए वास्तु टिप्स
1. शेरमुखी प्लॉट का चयन
व्यापार स्थल के लिए शेरमुखी प्लॉट चुनें, जो सामने से चौड़ा और पीछे से संकरा हो। यह शुभ माना जाता है।
2. सड़कों के पास स्थान
व्यापार स्थल ऐसी जगह हो, जो चालू सड़क पर या उसके पास हो, इससे व्यवसाय को गति मिलती है।
3. मुख्य प्रवेश द्वार
मुख्य प्रवेश द्वार पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। प्रवेश द्वार पर कोई रुकावट न रखें।
4. विद्युत उपकरणों और पेंट्री का स्थान
ये दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने चाहिए ताकि ऊर्जा संतुलित रहे।
5. मालिक का कक्ष
व्यापार मालिक का कक्ष दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो और बैठते समय उनका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
6. मालिक की मेज
मेज चौकोर या आयताकार होनी चाहिए, और लकड़ी की बनी हो। कांच या धातु की मेज नकारात्मक ऊर्जा लाती है। मेज हमेशा अव्यवस्थित न हो।
7. कर्मचारियों का बैठने का स्थान
कर्मचारियों का बैठने का स्थान उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
8. खजाना और तिजोरी
तिजोरी दक्षिण-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए, और इसका द्वार उत्तर-पूर्व दिशा में खुलना चाहिए ताकि समृद्धि आकर्षित हो।
9. श्वेत घोड़े की तस्वीर
उत्तर-पश्चिम दिशा में श्वेत घोड़े की तस्वीर लगाएं। इससे धन का प्रवाह बढ़ता है और आर्थिक स्थिरता मिलती है।
10. बैठक कक्ष
बैठक कक्ष को उत्तर-पश्चिम दिशा में रखें ताकि वार्तालाप सफल और लाभकारी हो।
11. एक्वेरियम
ऑफिस के उत्तर-पूर्व दिशा में एक्वेरियम रखें, जिसमें 9 गोल्डफिश और 1 ब्लैकफिश हो। इससे व्यवसाय में सफलता और समृद्धि आती है।
12. ताजे फूल
रिसेप्शन पर ताजे फूल रखें, इससे सकारात्मक ऊर्जा आती है।
13. खंडित वस्तुओं को हटाना
खराब स्टेशनरी या टूटी वस्तुएं तुरंत हटा दें, क्योंकि ये नकारात्मकता और गरीबी को आकर्षित करती हैं।
14. उत्पादन दिशा
यदि आपके व्यवसाय में उत्पादन होता है, तो यह दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए ताकि उत्पादन क्षमता में सुधार हो सके।
15. बोरवेल का स्थान
यदि कार्यालय में बोरवेल की व्यवस्था है, तो उसे उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। इससे शांति और तनावमुक्त वातावरण बना रहेगा।
निष्कर्ष
इन सरल वास्तु उपायों को अपनाकर आप अपने व्यापार को सफलता की ओर ले जा सकते हैं। यह उपाय व्यापार में स्थिरता, समृद्धि और शांति लाने में सहायक हैं।